झूठ बोलकर ड्रीम लैण्ड सिटी में कालोनाइजरों ने बेचा था प्लॉट बारिश में स्वीमिंग पुल बन जाती है कालोनी
सिवनी महाकौशल। यदि आपको कोई सर्वसुविधायुक्त कालोनी का सपना दिखाते हुए प्लॉट बेचने की बात कर रहा हो तो पहले देख लीजिए कि कहीं उक्त कालोनी ड्रीम लैंड सिटी जैसी तो नही है जो बारिश के पानी में स्वीमिंग पुल बन जाती है। शुक्रवार को दोपहर के समय हुई तेज बारिश ने एक बार फिर मेसर्स रामदेव बाबा एंड पद्मावती डेवलपर्स के द्वारा लगभग 10 साल पहले बनाई गई ड्रीम लैंड सिटी के विकास कार्यों की पोल खोल दी। बताया जाता है की मेसर्स रामदेव बाबा एंड पद्मावती डेवलपर्स के पार्टनर पंकज मालू पिता पूरन चंद मालू निवासी बारापत्थर जिला सिवनी, विजय पिता तिलोक चंद बरुदिया निवासी यवतमाल, ज्योति बंरूदिया पति विजय बरुंदीया यवतमाल,गणेश बी चांडक पिता विठ्ठल दास चांडक निवासी वर्धा एवं गोपाल पिता हरिकिशन चांडक निवासी आर्वी महाराष्ट्र ने मिलकर ग्राम पंचायत डोरली छतरपुर में कटंगी रोड बायपास में स्थित नाले के लगभग 110 मीटर की दूरी में लगभग 11.021 हेक्टेयर में ड्रीम लैंड सिटी नामक कालोनी के निर्माण कार्य के लिए विकास अनुमति ली गई थी और उक्त कॉलोनी को लेकर जमकर प्रचार प्रसार किया गया था। कॉलोनाइजरो के द्वारा लोगों को विश्वास दिलाया गया था कि कॉलोनी में पक्की सडक़, पक्की नालियां, सीवर लाइन गार्डन सहित कई सुविधाएं होगी।
25 एकड़ में फैली है कालोनी
सिवनी जिले में ड्रीम लैण्ड सिटी एक ऐसी कालोनी थी जो 25 एकड़ से भी अधिक जगह पर बन रही थी। कालोनाइजरों ने जो आकर्षक पैम्पलेट छपवाया और बड़े-बड़े वायदे किये तब कालोनाइजरों की बातों पर विश्वास करते हुए लोगों ने ड्रीमलैंड सिटी में प्लॉट खरीद लिया और कई लोगों ने मकान तक बना लिया लेकिन जब लोग वहां रहने गए तब कॉलोनी की सच्चाई सामने आई। उक्त कॉलोनी में ना तो पक्की सडक़ें हैं ना ही पक्की नालियां और ना ही सीवर लाइन स्थिति यह हो गई है कि बारिश के पानी में पूरी कॉलोनी स्विमिंग पुल में बदल जाती है जहां से लोगों का आना-जाना तक बंद हो जाता है। यदि कभी कॉलोनी में कोई विपरीत परिस्थिति में फंस जाए तो उसे बचाने वाला भी कोई नहीं। स्थानीय लोगो की माने तो पिछले कई वर्षो से वहां के लोग इस परेशानी से जूझ रहे है।
अब नहीं सुन रहे कालोनाइर
कालोनी के लोगो का कहना है कि कालोनाइजरों से जब इस संबंध में बात करने की कोशिश की जाती है तो वह यह कहते हुए पल्ला झाड़ लेते है कि हमने अपनी कालोनी शासन के हैंडओवर कर दिया है अब शासन जाने और आप लोग जाने। कुल मिलाकर लोगो को विकसित कालोनी का झूठा ख्वाब दिखाकर महंगे-महंगे प्लॉट बेचने वाले कालोनाइजरों ने लोगो को जमकर ठगा है जो कालोनी की सडक़ में स्वीमिंग पुल का मजा लेने मजबूर है। आश्चर्य इस बात का है कि जिन अधिकारियों ने कालोनाइजरो को विभिन्न शर्तो के आधार पर विकास अनुमति दिया है उसी विभाग के अधिकारी आंख बंद कर बैठे हुए है। जबकि यदि संबंधित विभाग के अधिकारी उक्त कालोनी का औचक निरीक्षण करें तो पता चल जायेगा कि कालोनाइजरो ने किस तरह ग्राम पंचायत डोरली छतरपुर में लोगो को ठगा है।